कई लाईलाज बीमारियों के उपचार में महारत है हासिल
बड़वानी। ह्रदयघात से असमय मौत के कई मामले देखने को मिलते है। कोविड के बाद से इस तरह के मामलो में इजाफा देखने को मिल रहा है। खान पान व जीवनशैली की वजह से हार्ट में ब्लॉकेज की समस्या आम हो रही है, युवाओं से लगाकर बुजर्गों तक में उक्त बीमारी के कारण एंजियोप्लास्टी, स्टैंड व बायपास जैसे उपचार पर निर्भर रहना पड़ रहा है। लेकिन शहर के सुप्रसिद्ध होम्योपैथी चिकित्सक लखन कुमावत द्वारा तैयार किया गया एक फार्मूला काफी कारगर सिद्ध हो रहा है,यह दावा किया जा रहा है कि कुछ माह ही दवा लेने पर जटिल हार्ट ब्लॉकेज से निजात मिल जाता है। डॉ कुमावत का गतदिनों नगर की प्रसिद्ध स्वरसंगम संस्था ने सम्मान किया है।
इस मामले डॉ कुमावत ने जानकारी देते हुए बताया कि मैं होमियोपैथ लखनलाल, कुमावत 7 जनवरी 2021 को मार्केट के काम से नरेश त्रिवेदी के साथ इंदौर के राजवाड़ा क्षेत्र में था शाम करीब 4 बजे मुझे छाती में दर्द होने लगा तो हम तत्काल जंजीर वाला चौराहा स्थित क्योर वेल हास्पिटल पहुंचे। वहां मुझे आईसीयू में भर्ती कर इलाज शुरू किया। 4 दिन भर्ती रखने के बाद डॉक्टरों ने कहा मेजर हार्ट अटेक था इसलिए एंजियोग्राफी करवाना जरूरी है तो हमने कुछ दिन बाद जांच कराने का निवेदन कर छुट्टी ले ली। फिर
2 फरवरी 21 को नड़ियाद स्थिति महा गुजरात हास्पिटल में एंजियोग्राफी करवाईं जांच रिपोर्ट में Left-Right दोनों तरफ कुल 10 बड़े ब्लाकेज थे। डॉक्टरों ने बायपास सर्जरी कराने की सलाह दी।
सभी मित्र-रिश्तेदार बायपास सर्जरी कराने के पक्ष में थे लेकिन मैं सर्जरी के पक्ष में नहीं था।
मैंने सभी से निवेदन किया कि 30 वर्षों की प्रेक्टिस में मेरी दवाईयों से अनेकों महिलाओं के बच्चेदानी की फेलोपेन ट्यूब के ब्लाकेज खुल चुकें हैं तो हार्ट के ब्लाकेज भी खुल सकतें है। क्योंकि हार्ट में तो खून का बहुत ज्यादा प्रेशर रहता है बहुत मिन्नत के बाद मेरी स्वनिर्मित की दवा के साथ ही अंग्रेजी दवाइयां भी खाने की शर्त पर केवल दो महीने खुद पर रिसर्च करने की मोहलत दी गई।
ऐसी ही जद्दोजहद में एक महिना निकल गया फिर मैंने ट्यूब के ब्लाकेज खोलने की दवाओं के साथ ह्रदय रोग की दवाओं का काम्बिनेशन तैयार कर 5 मार्च से स्वनिर्मित दवाई लेना शुरू कर दी। फिर
6 जून 21 को इंदौर स्थित राजश्री अपोलो हॉस्पिटल में दोबारा एंजियोग्राफी करवाईं तो लेफ्ट साईड के दो ब्लाकेज पूर्णतः निकल गये। तथा डॉक्टरों ने 4 स्टैंड की एंजियोप्लास्टी की सलाह दी।
लेकिन हमें इंदौर की रिपोर्ट पर संशय था।
इसलिए 25 जून 21 को(25 दिन बाद ही) गुजरात के दोहद स्थिति रिदम हास्पिटल में इंदौर की सीडी चेक करवाईं किसी भी साफ्टवेयर पर सीडी नहीं चलने पर तीसरी बार एंजियोग्राफी करवाईं तो डॉक्टरों ने 3 स्टैंड एंजियोप्लास्टी करवाने की सलाह दी।इसके बाद, सभी अंग्रेजी दवाइयां, पूर्णतः बंद कर दी।केवल स्वनिर्मित दवाई ही जारी रखी।2 सितंबर 21 को अहमदाबाद के यु एन मेहता हास्पिटल में चौथी बार एंजियोग्राफी करवाईं जांच रिपोर्ट में 8 बलाकेज निकल चुकें थे। केवल दो ब्लाकेज ही शेष बचे थे। नवंबर को पांचवीं बार एंजियोग्राफी करवाने वापस नड़ियाद महा गुजरात हॉस्पिटल गए। 1जनवरी 2022 से स्वनिर्मित दवाई भी बंद कर दी है। अभी पूर्णतः स्वस्थ हुं केवल ,रिफाइंड ऑयल, को छोड़ कर कोई परहेज नहीं अभी भी दो मंजिल की सीढ़ियां आराम से चढ़ लेता हूं। उल्लेखनीय है कि स्वयं का उपचार करने के बाद से इस फॉर्मूले का उपयोग कर वे कई हार्ट ब्लॉकेज के मरीजों का उपचार कर रहे है। साथ ही मरीजो का डेटा भी संधारित कर रहे है।
कई फार्मूले हुए कारगर
डॉ कुमावत होम्योपैथी के कई फार्मूले बना कर विगत कई वर्षों से लाईलाज व जटिल बीमारियों का सफलता पूर्वक उपचार कर चुके है। जिनमे बांझपन,नार्मल डिलेवरी, सिकल सेल एनीमिया, केंसर की प्रारंभिक स्टेज पर उपचार,थायरॉइड, उच्च रक्तचाप, शुगर,शारीरिक कमजोरी या वजन बढ़ाने व घटाने की दवाएं शामिल है।