*🚩🔱हिंदू नववर्ष प्रारंभ चैत्र नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त*🔱🚩
विक्रम संवत २०७९ शालिवाहन शके १९४४
*राक्षस नाम संवत्सर*
राक्षस नाम संवत्सर के राजा- शनि, मंत्री- गुरु है ।
*💠शुभ -प्रातः 7:52 से 9:25 तक*
*💠लाभ एवं अमृत -दोपहर 2:05 से शाम 5:00 बजे तक*
*💠अभिजीत मुहूर्त -दोपहर 12:06 से 12:55 तक*
कुछ पंचांग के मत से वैधृति योग प्रातः 8:30 बजे के बाद है |कुछ पंचांगों मत से वैधृति योग दोपहर 12:10 के बाद है।
*पंडित कपिल शर्मा (काशी)*
*जब नवरात्र का प्रारंभ शनिवार या मंगलवार को होता है ,तो मां दुर्गा का आगमन घोड़े की सवारी पर होता है ।इस वर्ष नवरात्र शनिवार से प्रारंभ हो रहे हैं ,दिन के आधार पर इस साल मां दुर्गा घोड़े 🐴पर सवार होकर पृथ्वी लोक आएगी ।घोड़ा युद्ध का प्रतीक माना जाता है इसका अर्थ यह है कि इस वर्ष शासन सत्ता को विरोध का सामना करना पड़ेगा ।पूरे विश्व में युद्ध का संकट बना रहेगा।*
*इस नवरात्र में मां दुर्गा का प्रस्थान रविवार को भैसे की सवारी पर हो रहा है ।भैंसे की सवारी का अर्थ है- रोग दोष और कष्ट का बढ़ना,भय ,अराजकता एवं महामारी|*
नवरात्र में अपनी -अपनी कुल परंपरा के अनुसार पाठ -पूजन ,हवन एवं कन्या- भोजन करवाना चाहिए| तंत्र मार्ग में दीक्षित उपासको को अपनी गुरु परंपरा के अनुसार प्रदत महाविद्या की उपासना करना चाहिए |मां भगवती की प्रसन्नता के लिए तिल का तेल ,मूंगफली तेल या गौघृत का अखंड दीपक 9 दिनों के लिए प्रज्वलित करना चाहिए ।गीता प्रेस गोरखपुर की भाषा टीका दुर्गा सप्तशती का पाठ पूरी पवित्रता एवं स्वच्छता के साथ शुद्धता से कर सकते हैं या विद्वान ब्राह्मणों द्वारा अपने घरों पर दुर्गा सप्तशती का पाठ एवं हवन करवाए।
*पंडित कपिल शर्मा (काशी)*
*मां भगवती का पूजन बिल्वपत्र लाल चंदन एवं अखंड चावल से करे।सौभाग्य प्राप्ति के लिए मां भगवती के चित्र पर कंकू प्रतिदिन चढ़ाएं*।
*🔱नवरात्र में मां को करें ये भोग अर्पण एवम् पाए मां जगदंबा की कृपा*
*प्रतिपदा -गौ घृत, द्वितीय -शक्कर तृतीय -दूध, चतुर्थी -मालपुआ पंचमी -केला, षष्ठी-मधु ,सप्तमी गुड,अष्टमी -नारियल, नवमी -धान का लावा( लाजा )*🔱
*आत्मबल वृद्धि एवं संकटों से मुक्ति पाने के लिए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तक करें यह विशेष उपासना |प्रतिपदा को प्रातः उठकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दे। गणेश जी, गुरुदेव जी का स्मरण करें ।भगवान राम एवं हनुमान जी का पूजन करें। शुद्ध घी का दीपक जलाएं, भगवान के लिए भोग रखें एवं 11 पाठ श्री राम रक्षा स्तोत्र के और 11 पाठ श्री हनुमान चालीसा के गीता प्रेस गोरखपुर प्रकाशन लाल अक्षर वाले से करें ।जब तक पाठ करे, तब तक दीपक प्रज्वलित रहे, ब्रह्मचारी व्रत का धारण करें एवं सात्विक आहार लें। अगर आपके पास समय की उपलब्धता है तो हनुमान चालीसा के 31 पाठ प्रतिदिन करें। यह प्रयोग 16 अप्रैल 2022 तक करें एवं 16 अप्रैल 2020 को ही विद्वान ब्राह्मणों द्वारा पूजन हवन एवं भोजन करवाएं अगर आप स्वयं करने में असमर्थ है ,तो किसी विद्वान ब्राह्मण से 2 अप्रैल से 16 अप्रैल तक यह प्रयोग अवश्य करवाएं। इस प्रयोग से संकट का निवारण होगा, मानसिक शांति ,आत्मबल में वृद्धि एवं हनुमान जी की कृपा प्राप्त होगी।*
*🔱मां जगदंबा आपका कल्याण करें*🔱
*🚩पंडित कपिल शर्मा (काशी)*🚩