लापरवाही का परवान बन गया है सेंधवा का सिविल अस्पताल। 20 मिनिट तक ओपीडी में डाक्टर दरवाजा लगाकर चाय पीते रहे । बाहर मरीज डाक्टर को चेकअप कराने का इंतजार करते रहे । भाजपा प्रवक्ता ने जब इस पर आपत्ति उठाई तो डॉक्टर कहने लगे कि अभी हमारी चाय पीने की छूटी है ।
भाजपा प्रवक्ता सुनील अग्रवाल ने बताया कि मेरे परिवार के साथ सिविल अस्पताल में जाकर उसकी आंखों में जलन की शिकायत आने से बीएमओ से चर्चा कर वे अस्पताल गए । साथ अस्पताल की शिकायत मिलने से वहां की व्यवस्था भी देखना थी । ओपीडी सुबह 9 से शुरू होती है मैं 10 बजे अस्पताल पहुंचा काउंटर पर पर्ची बनाकर जब ओपीडी में जाने लगे तो चपरासी ने उन्हें रोक दिया कहा कि डॉक्टरो का चाय पीने समय हो गया है यह कहते हुए ओपीडी में चेकअप करा रहे मरीजों को भी बाहर निकाल कर ओपीडी का दरवाजा बंद कर दिया । करीबन 20 मिनट तक गटरमस्ती करते हुए चाय पीते रहे । इस पर एक मरीज द्वारा दरवाजा खटखटाने व भाजपा प्रवक्ता सुनील अग्रवाल द्वारा इस पर आपत्ति लेने के बाद दरवाजा खोला गया तो अग्रवाल ने डॉक्टर से कहा यह क्या तरीका है मरीज बाहर लाइन लगाकर खड़े है आप लोग 20 मिनिट तक गटरमस्ती करते हुए चाय पी रहे है यह अच्छी बात नहीं है । इस पर एक डॉक्टरनी ने कहा कि हमारी चाय की छूटी हुई है । ताजुब हो रहा है ओपीडी सुबह 9 बजे होकर 10 बजे छूटी भी हो रही है । साथ ही खास तौर पर यह देखा गया कि अस्पताल में आने वाले बच्चे ,बूढ़े युवा,युवतियों, महिलाएं सभी लोगों को एक साथ बिठाकर इलाज किया जा रहा था किसी तरह का प्राइवेसी का ख्याल नहीं रखा जा रहा था सारे डॉक्टर एक साथ बैठकर के उपचार करने में जुटे हुए ही थे सभी तरह की बीमारी को अमूमन एक साथ सभी मरीजों को नहीं देखा जाता अगर किसी महिला मरीज की जांच करना है तो क्या अन्य पुरुषों के सामने की जाएगी एक बड़ा सवाल है । प्रवक्ता अग्रवाल ने बीएमओ व बड़वानी सीएचएमओ को फोन लगाकर सारे घटना क्रम से अवगत कराते हुए आम जन की प्रतिदिन होने वाली समस्याओं पर आपत्ति दर्ज कराई व इसका ठोस व तत्काल निराकरण करने की बात कही । इस दौरान एक मरीज ने बताया कि यह रोज होता है 10 बजे चाय पीने के बहाने दरवाजा बंद कर लेते हैं कुछ समय पश्चात उठ कर चले जाते है कहते है समय हो गया । इस तरह रोज मरीज परेशान हो रहे हैं । अग्रवाल ने बताया कि सिविल अस्पताल में भारी अव्यवस्था व लापवाही हो रही है । बताया जाता है कि अस्पताल के ही कुछ लोग मरीजों को निजी अस्पताल जाने के लिए प्रेरित करते है । इसे लोग सरकार को बदनाम कर रहे है । डाक्टरों पर कोई कमांड नहीं है। मनमानी हो रही है । अस्पताल की अव्यवस्था से पूर्व जिला अध्यक्ष एस वीरा स्वामी भी नाराज होकर बड़वानी सीएचएमओ को फोन लगाकर सिविल अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने हेतु चर्चा की । अग्रवाल ने कहा कि सिविल अस्पताल की व्यवस्था सुधारने की आवश्यकता है । डाक्टर अपनी आदत में सुधार लाना होगा ।
*मरीजों को लाने लेजाने हेतु नहीं है एंबुरेंस*
अग्रवाल ने बताया कि सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के सिविल अस्पताल में एक भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है । मरीजों को लाने हेतु 108 का ही सहारा है । अस्पताल में दो पुरानी एम्बुलेंस है जिसमें एक एंबुलेंस एक्सीडेंट होकर पड़ी हुई हे तो दूसरी एंबुरेंस खराब पड़ी हुई है जिसको ठीक नहीं कराया जा रहा है। जिससे मरीजों 108 की सुविधा नहीं मिलने पर प्राइवेट वाहन से अस्पताल आना जाना करना पड़ता है । इसे में सिविल अस्पताल में दो एंबुरेंस की आवश्यकता है । साथ ही सिविल अस्पताल में शव वाहन भी नहीं है । सिविल अस्पताल में 100 किलो मीटर दूर तक के मरीज इलाज हेतु आते है । इलाज के दौरान मृत्यु होने पर उन्हें वापस गृह ग्राम जाने हेतु शव वाहन नहीं होने से प्रायवेट वाहन से शव लेजाना पड़ता है जिसमें में कई लोग शव लेजाने से इनकार कर देते हैं। इस लिए अस्पताल में शव वाहन की भी आवश्यकता है । अग्रवाल ने बताया कि संभवतया मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का पानसेमल का दौरा कार्यक्रम बन रहा है । वे अस्पताल की अव्यवस्था के साथ एंबुरेंस व शव वाहन की मांग रखेंगे ।
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