21/07/2020 को रात्रि 10:00 से 10:30 बजे के बीच बांस काटने की बात को लेकर अभियुक्त के घर के सामने आंगन में अभियुक्त सुरमा और फरियादी के पिता भीनसिंग आपस में झगड़ा करने लगे। विवाद में अभियुक्त सुरना ने घर के पास बनी टापरी में रखी बैलगाड़ी की (लकड़ी) जोडी उठा ली तथा गालियां दी और इतना बोलकर भीमसिंग को बैलगाडी की (लकड़ी) जोडी सिर में मार दी. जिससे भीमसिंग वहीं गिर गया और सिर से खून निकलने लगा। अनियुक्त सुरमा (लकडी) जोड़ी से मारपीट कर यहां से भाग गया, फिर फरियादी मुकेश ने उसकी मां छमाबाई के साथ भीमसिंग को उठाकर घर ले गया तथा प्राइवेट वाहन से सेंधवा ईलाज हेतु ले जा रहे थे कि रास्ते में ही उसके पिता भीमसिंग की मौत हो गई तो नीमसिंग को वापस अपने घर ले आये। फरियादी की रिपोर्ट पर पुलिस आरक्षी केन्द्र संधवा ग्रामीण द्वारा थाने के अपक 473/20 पर अनियुक्त के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया।
(03) विवेचना के दौरान अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया, मृतक का पी.एम. करवाया गया. घटना स्थल का नक्शा नौका बनाया गया, साक्षीगण के कथन अभिलिखित किये गये तथा आवश्यक अनुसंधान पूर्णोपरांत संबंधित आरक्षी केंद्र द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध उपार्पण न्यायालय के समक्ष अभियोग-पत्र प्रस्तुत किया गया। (04) माननीय सत्र न्यायाधीश महोदय, जिला-बड़वानी मप्र के आदेश
दिनांक 19/10/2020 के द्वारा विचारण हेतु इस न्यायालय को अंतरित होकर प्राप्त (05) अभियुक्त के विरुद्ध निर्णय चरण क्रमांक-01 में दर्शाये अनुसार आरोप निर्मित किये जाने पर अभियुक्त की और से अपराध करना अस्वीकार कर विचारण चाहा गया। दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 313 के तहत अभियुक्त के परीक्षण के दौरान अभियुक्त द्वारा प्रतिरक्षा में यह बचाव लिया गया है कि वह निर्दोष है उसने कोई अपराध नहीं किया है। उसे झूठा फंसाया गया है। प्रकरण में कोई बचाव साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गई है।
(06)
इस सत्र प्रकरण के निराकरण के लिए अवधारणीय प्रश्न है कि | क्या अभियुक्त ने दिनांक 21/07/2020 को समय 22:00 बजे (लकड़ी) से मारपीट कर उसकी मृत्यु कारित कर हत्या की। अपराध की प्रकृति को दृष्टिगत रखते हुये अभियुक्त सुरमा पिता भीमसिंह डावर को निम्नानुसार दण्डित किया जाता है
आजीवन सश्रम करावास ,₹1,000/- (रूपये एक हजार) के
कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। | अर्थदण्ड की राशि के व्यतिक्रम पर आरोपी को दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास पृथक
से भुगताया जावे।आदेश जारी किया