रंगोली के जरिए दिवंगतो को भावांजलि

उज्जैन में राष्ट्रीय स्वयं संघ की एक बैठक सम्पन्न हुई।उस परिसर में एक स्वयंसेवक ने रंगोली बनाकर संघ के पाँचों दिवंगत प.पू.सरसंघचालकों को भावांजलि समर्पित की। सुंदर रंगोली है लेकिन बनाने वाले ने कहीं अपना नाम नहीं लिखा । स्वयंसेवक की यह अनामिकता संघ की विशेषता भी है और शक्ति भी। प.पू.सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा- “संघ उन लोगों से चलता है जो होते तो हैं, पर दिखते नहीं हैं ” । यह अनामिकता ही उनके इस कथन का भावार्थ है।