बड़े मंदिरों के प्रसाद ही नहीं बल्कि सभी पूजन सामग्री की हो जांच
चर्बी मंदिर तक पहुंची अब तो सनातनी हिंदू समाज को जागना ही होगाः पं. शर्मा
बड़वानी लाइव….
देशभर के समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से तिरुपति बालाजी के मन्दिर के प्रसाद में इस्तेमाल घी की गुणवत्ता को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। ये आध्यात्मिक व्यक्ति के अन्र्तमन को झंझोड़ने वाली और धार्मिक व्यक्ति के मन पर कुठाराघात करने वाली चर्चाएं है। महू के पंडित कपिल शर्मा (काशी महाराज) का कहना है कि तिरुपति बालाजी मन्दिर ही क्यों देश के अन्य बड़े मन्दिरों में बांटे जाने वाले प्रसाद
का भी लैब टेस्ट होना चाहिए। मन्दिरों के आस-पास की दुकानों पर बिकने वाले प्रसाद का भी लैब टेस्ट होना चाहिए। पूजन
पूजा वाले घी की भी हो जांच
पूजा वाले घी के नाम जो घी बाजार में उपलब्ध है उसका भी लैब टेस्ट होना चाहिए। टीके में इस्तेमाल होने वाले चन्दन पावडर, अबीर, गुलाल, सिन्दूर इत्यादि इन सभी के पैकेटों पर शुद्धता मानक इनमें प्रयोग की गई सामग्री व बनाने इत्यादि लिखे होना चाहिए।
सामग्री जैसे-चन्दन पावडर, अष्टगंध, कंकु, गुलाल, अबीर, सिन्दूर इन सब चीजों का भी लैब टेस्ट होना चाहिए।
शनि शिंगणापुर में चढ़ाए जाने वाले तेल की भी हो लैब में टेस्टिंग
शनि शिंगणापुर में चढ़ाए जाने वाले तेल का भी लैब टेस्ट होना चाहिए। बाजार में उपलब्ध हवन सामग्री के पैकेट पर उसमें उपयोग की गई सामग्री व उसकी शुद्धता के मानक स्पष्ट रूप से उल्लेखित किए जाएं। केशर, चन्दन, अष्टगंध, हल्दी आदि की शुद्धता का भी उल्लेख किया जाए। कुंकु, गुलाल अबीर जैसी पूजन सामग्री की शुद्धता का भी सरकारों और प्रशासन को विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए। बाजार में उपलब्ध कपूर असली है या केमिकल मिश्रित है।
प्रसाद मामले को लेकर हिंदू
रक्षक सेना ने किया प्रदर्शन
भोपाल। शहर में हिंदू संगठन तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में गाय की चर्बी और मछली के तेल मिलाने की घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को हिंदू रक्षक सेना के कार्यकर्ताओं ने माता मंदिर चौराहे पर प्रदर्शन किया और पुतले पर कालिख पोतकर विरोध जताया। विरोध स्वरूप कार्यकर्ताओं ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ नारेबाजी की