आदिवासी समाज में धर्मांतरण को रोकने व समाज की सभ्यता से जोड़ने के लिए आदिवासी हिन्दू जन जागरण समिति का गठन किया गया है जो मंगलवार व शनिवार को अलग अलग गांव में हनुमान चालीसा का पाठ, आरती व भोजन प्रसादी का आयोजन किया जाता है ।
समिति के स्वस्थापक विकास आर्य ने ग्राम कामोदवाडा में हनुमान मंदिर पर पूजन कर बताया कि प्राचीन काल से आदिवासी समाज का शोषण होता आया है समाज के लोगो का सीधा पन से कुछ असमाजिक वर्ग के लोग गलत फायदा उठा कर उनका धर्मांतरण करने पर मजबूर किया है उन्हें वापस धर्म से जोड़ने व कुछ समाज के लोगो द्वारा ही ज़ वर्ग को गलत जानकारी देकर उन्हें गुमराह किया जा रहा है। पूजा पद्धति को ना मानने व हिन्दू धर्म से पृथक करने का प्रयास किया जा रहा है जबकि आदिवासी भगवान राम के वंशज है । हर गांव की सीमा पर हनुमानजी का मंदिर होना इस बात का प्रतीक है । समाज के लोगो मे हिन्दू धर्म व भगवान राम के प्रति आस्था का जागरण करना व धर्म परिवर्तन से रोकना है । वही जिन्ह समाज बंधुओं ने धर्म परिवर्तन कर दूसरा धर्म अपनाया है उन धर्मांतरित व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति से बाहर किये जाने की मांग सरकार से किया जाना है । समिति द्वारा गांव गांव जाकर हनुमान मंदिर पर बजरंग बली का श्रंगार कर हनुमान चालीसा का पाठ कर भोजन् प्रसादी का वितरण कर धर्मांतरण एवं हिंदु धर्म से पृथक करने के प्रयासो,हमारी पूजा पद्धति ना मानने देने के विषय पर जनजागरण किया ।
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