मिलेगी वर्षा की जानकारी अपडेट

अंजड

सतीश परिहार

तहसील बनने के 13 साल बाद ठीकरी से अलग हुई अंजड तहसील में लगा वर्षा मापी यंत्र अब दो तहसीलों के डेटा से भु अभिलेख कार्यालय में अंजड तहसील में हुई बारिश का अलग बनेगा डेटा

अंजड–अब मानसूनी सीजन में होने वाली ठीकरी ब्लाक की बारिश का औसत आंकड़ा अब दो तहसीलों की बारिश के आधार पर निकाला जाएगा। इसके लिए भू अभिलेख विभाग ने अंजड तहसील पर भी अपना वर्षामापी यंत्र लगाया है।
अभी तक ठीकरी से अलग हुई अंजड तहसील बनने के बावजूद अभी तक ठीकरी और अंजड की केवल ठीकरी तहसील के वर्षा मापी यंत्र से ही अंजड क्षेत्र की औसत बारिश तय की जा रही थी। जिसके चलते ये औसत बारिश सटीक नहीं थी, क्योंकि इसमें नये बने अंजड तहसील क्षेत्र की बारिश नहीं जुड़ रही थी।ठीकरी से अंजड तहसील को अलग कर गठन करने के 13 साल बाद भी वर्षामापी यंत्र नहीं लगाया गया था । यही वजह है कि भू अभिलेख विभाग ने इस बार से दो तहसीलों में अलग अलग बारिश मापने का निर्णय लिया है, जिसके तहत वर्षामापी स्थापित किया गया है।अंजड तहसील कार्यालय में लगाया गया है,
उल्लेखनीय है की अंजड तहसील को ठीकरी से अलग कर दो तहसीलें निर्धारित की गई। हालांकि तत्समय शासन के नियमानुसार (तहसील मुख्यालयों पर वर्षामापी केंद्र) एक तहसील होने से तहसील मुख्यालय पर वर्षामापी यंत्र लगाए गया था और इसी के आधार पर मिले आंकडों से कुल वर्षा के आधार पर ब्लाक की औसत बारिश तय किया जाता था,
लेकिन वर्ष 2008 में अंजड को भी नई तहसील बनाया गया, लेकिन यहां वर्षामापी नहीं लगाए गए, लिहाजा अंजड तहसील की पृथक औसत बारिश पुरानी तहसील से ही निकाली जा रही है।

तहसीलदार राजेश कोचले ने बताया–
भू अभिलेख विभाग द्वारा अंजड तहसील में वर्षामापी यंत्र लगाए जाने से इन दोनों तहसीलों की बारिश का अलग-अलग रिकॉर्ड रहेगा, इससे दोनों तहसीलों में बारिश की वास्तविक स्थिति सामने रहेगी तो इन क्षेत्र में सूखे, अल्पवर्ष या अतिवर्षा के आंकड़ों के आधार पर जो भी योजनाएं, मुआवजा आदि तय होंगे जिससे किसानों को फायदा होगा